क्या आप भी गर्भ धारण करना चाहती है तो जानते है कौनसे आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की मदद से जल्दी गर्भ धारण कर सकती है?

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आयुर्वेद में गर्भधारणा का विस्तार से वर्णन दीया  गया है गर्भधारणा से लेकर  डिलिव्हरी तक क्या करना चाहिए क्या नहीं इसका संपूर्ण ज्ञान आयुर्वेद शास्त्र में दिया गया है। आपने मां बनाने का निर्णय ले लिया है तो आपको अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है। आप स्वस्थ बच्चे को जन्म देना चाहता है तो आपको अपने जीवन शैली पर ध्यान देना होगा। साथी ही आप प्रयास कर रही है और आपको सफलता नहीं मिली है तो आप आयुर्वेद में बताएं गए कुछ हर्ब्स का सेवन शुरू कर सकती है जिससे आपके मासिक धर्म नियमित आएंगे, इससे ओवुलेशन टाइम पर होगा और गर्भधारण करना आसान हो जाएगा। इस ब्लॉग में हमने कुछ असरदार आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां  बतायी हैं जो आपको मदद कर सकते हैं। आयें जानते हैं।

1)शतावरी :

शतावरी जिस्का वैज्ञानिक नाम Asparagus Racemosus है। शतावरी महिलाओ और पुरुषो दोनो के लिए लभकारी हो सकता है। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार शतावरी का इस्‍तेमल सेक्स पावर से लेकर प्रेगनेंसी से जूडी परेशानीयों को दूर करने के लिए किया जा सकता है। शतावरी में घुलनशील फाइबर और अघुलनशील फाइबर मौजुद होता है, जो शरीर के अतिरिक्‍त फैट को कम करके मोटेप को कंट्रोल करने में प्रभावी हो सकता है। शतावरी में फोलेट होता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे और मां दोनों के लिए लाभकारी है। शतावरी मासिक धर्म चक्र को नियमित रखता है जिससे ओवुलेशन टाइम पर होता और गर्भधारण करना आसन हो जाता है। शतावरी चूर्ण को आप दूध में मिला कर इसका सेवन कर सकती है।

2)अश्वगंधा:

अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। अश्वगंधा विरोधी भड़काऊ, जीवाणुरोधी के साथ साथ लिवर टॉनिक भी है। अश्वगंधा के पौधे का अर्क और इसके बायोएक्टिव कंपाउंड का प्रयोग नपुंसकता, बी भूलने की बीमारी, चिंता, जैसी कोई साड़ी बीमारी में उपचार के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद मेंंंंंंंंंंंंंंं अश्वगंधा को मध्य रसायन कहा गया है।   ध्य

अश्वगंधा श्थायरॉइड ग्रंथी के फंक्शन में सुधार करता है जो रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदार है। अश्वगंधा हार्मोन को संतुलिट कर सकता है और महिलाओ में फर्टिलिटी में सुधार कर सकता है। अश्वगंधा एक प्राकृतिक जड़ बूटी है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। सामान्यता अश्वगंधा की मात्रा 400mg – 2gms तक ली जा सकती है। इसका सेवन करने से पहले आपको एक बार आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

3)अशोक:

अशोक के पेड़ की चल में काई औषधि गन पाई जाती है।अशोक की चाल का प्रयोग महिलाओं की सेहत से संबंध समस्या को ठीक करने में काफी कारगर होते हैं। अशोक की चाल का प्रयोग स्त्री संबंध रोग में लभकारी होता है। अगर किसी महिला को मासिक चक्र के दौरन असहनिय दर्द होता है तो अशोकारिष्ट के सेवन से उन्हें आराम मिलता है। अगर आपको अनियामित पीरियड्स की समस्या है तो अशोक क्षीर पाक खाने से आपको पीरियड्स नियामित होने लगेंगे। जिससे आपको गर्भ धारण करना आसान होगा।

ऊपर दिए गए जड़ी-बूटियों का सेवन आपके लिए उपाय हो सकता है। अगर आपको लम्बे समय से प्रयास करने के बाद भी गर्भधारणा नहीं रह रही तो एक बार अपना चेक अप जरूर करवा ले।

 

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