गिलोय के आयुर्वेदिक गुण , फ़ायदे, गिलोय स्वरस सेवन विधि, नुकसान(Giloy Benifits,side effects)

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गिलोय क्या है?(What is Giloy?):

Eng Name: Tinospora Cordifolia

आयुर्वेद में गिलोय को अलग अलग   नामो से जाना जाता है, जैसे की अमृता, गुडूची, छिन्न रूहा, चक्रांगी आदि। बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने से इसका नाम अमृता है. आयुर्वेद में यह ज्वर (fever) की महान औषधि माणा गया है और जीवन्तिका नाम दिया गया है। गिलोय की लता जंगल, खेत की मेड़ो, पहाड़ों की चट्टानों आदि स्थानों पर समान्यतः कुंडलकर चढाई  (climber) पाई जाती है।

नीम, आम के वृक्ष के आस-पास भी ये मिलती है . जिस पेड़ को ये अपना आधार बनाता है, उसके गुण भी इसमे समाहित रहता है। इस दृष्टि से नीम पर चढी गिलोय श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है.

आयुर्वेदिक रस, गुण , वीर्य, विपाक , गुणधर्म ( Ayurvedic qualities of Giloy) :

रस : तिक्त (Bitter) , कषाय( Astringent) .

गुण: लघु, गुरु , स्निग्ध

विपाक : मधुर

गिलोय के गुणधर्म ( Giloy Qualities) :

रसायन, बल्य, संगराही, अग्निदीपन

गिलोय के फायदे ( Benifits of Giloy):

1. ज्वर ( fever):  गिलोय ज्वरनाशक होने के कारण बुखार कम करने में मदद करता है। गिलोय से खून में प्लेटलेट काउंट बढ़ता है, डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, जैसी बीमारियाँ में गिलोय से राहत मिलती है।

2.चिंता और तनाव (Anxiety and Stress) :

गिलोय एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है जो चिंता और तनाव को काम करने में मदद करता है. गिलोय का सेवन चिंता  कम करता है.

3.पाचन शक्ति पर असर(Digestive system):

गिलोय से पाचन तंत्र मजबूत होता है, जिसके पाचन से सबंधित सारी बिमारियों से राहत मिलती है .

4.श्वसन संबंधी बीमारियाँ ( Respiratory illnesses) :

गिलोय में एंटीएलर्जिक गुन होने के कारण ये खासी को जल्दी से आराम मिलता है।

5. इम्युनिटी बढ़ाएं ( Immunity boost):

गिलोय जूस का सेवन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। जिसे सरदी, जुकाम साहित कै तरह की संक्रामक बिमारियों से बचाव होता है.

6.मधुमेह ( Diabetes):

गिलोय जूस ब्लड शुगर के बढ़ते  स्तर को कम करता है , इंसुलिन का स्राव बढ़ती है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करती है। इस प्रकार से मधुमेह रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है.

गिलोय स्वरस लेने का तरिका (How to take Giloy juice?): 

गिलोय का जूस सेवन रोज़ाना सुबह खाली पेट करना चाहिए, इसके लिए 15-30 मि.ली गिलोय जूस ले इसे एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पियें। गिलोय जूस ज्यादा से ज्यादा 3 महीने तक सेवन करे . अगर आप ताजा जूस चाहते हैं, तो गिलोय के कुछ डांडिया ले और उन्हें 1 गिलास पानी मैं  डाले , और उन्हें तब तक उबाले जब तक पानी 1/2 गिलास मात्रा में रह जाए. इस प्रकार आप घर का बना ताज़ा जूस ले सकते हैं।

गिलोय के नुकसान( Side effects of Giloy) : 

गिलोय का सेवन उचित मात्रा में लेना जरूरी है अन्याथा नुक्सान भी झेलना पद सकता है. आइये जानते हैं गिलोय के नुकसान.

1. ऑटोइम्यून बिमारियो ख़तरा: 

गिलोय के सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है लेकिन काई बार इम्युनिटी के अधिक सक्रिय होने की वजह से ऑटो इम्यून बिमारियो का खतरा बड़ जाता है. इसिलिये हमेशा सावधान से कम मात्रा में और कम समय के लिए गिलोय का सेवन करें।अवशक्ता नुसार आयुर्वेद विशेषज्ञ सलाह ले।

2. कम बीपी वाले  बचें : 

जो लोग पहले से ही लो बीपी के मरीज हैं उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि गिलोय भी ब्लड प्रेशर को कम करता है।

ऊपर दी गई जानकारी आपको गिलोय से क्या फायदे और नुक्सान हो सकते हैं इसके लिए मददगार होगी ये आशा है।

 

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