डिलिवरी के बाद खुद का ख्याल कैसे रखें?(How to Take care of Self after Delivery in Hindi)

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गर्भावस्था के बाद मां बनने का नया सफर शुरू हो जाता है। नवजात शिशु को देखके होनेवाली खुशी अलग और अनोखी होती है। मातृत्व के नए सफर में कदम रखने के बाद महिला के शरीर में शाररिक और भावनात्मक रूप से काई तरह के बदलाव होते हैं जिसका असर महिलाओं की सेहत पर पड़ता है। इस दौरन आपको खुद के लिए रोज थोड़ा समय निकालना जरूरी है. अगर आप अपने लिए थोड़ा समय निकलेंगे तो इसे आपको चिड़चिड़ाहट नहीं होगी। आपको अपना ख्याल रखने  के लिए कुछ टिप्स दिए हैं जो आपके लिए मददगार होंगे।

1) घरवालो की मदद ले:

 

डिलिवरी के बाद शिशु को संभलने के लिए परिवार के किसी मदद को ले सकते हैं। इससे आपका मन हल्का रहेगा और आप खुद के लिए समय निकल पाएगा। आप चाहें तो अपनी मां या सासु मां को अपने घ घर कुछ दिनों के लिए लेकर आ सकती है जिससे आपको बहुत मदद मिलेगी।

2) सकारात्मक रहे:

आप ऐसी चीजों में खुद को व्यस्त रखिये जो आपको खुशी देती हो.आपके जीवन में जो भी सकारात्मक चीजें हैं उस पर ध्यान दे। इस चिज पर ध्यान दे कि आपने क्या हासिल किया है। आप अपनी उपलब्धियां पर ज्यादा ध्यान देंगी तो आपको अच्छा महसूस होगा। आप और साकारात्मक बनेगी।अपने आपको साकारात्मक रखने के लिए आप पुष्टि की मदद भी ले सकती है।रो खुद को अच्छे सकारात्मक अभिपुष्टि(affirmations) बोले, जिससे आपको अच्छा महसुस होगा।

3)अपनी दिनचर्या बनाने की कोशिश करें:

बच्चा होने के बाद एक रूटीन सेट हो पाना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन नामुमकिन नहीं आप थोड़ा प्रयास करें कि चीजें टाइम पर हो और आप खुद के लिए थोड़ा समय निकल खातिर। कोशिश करें कि आपकी निंद पुरी हो जिससे आपका दिन अच्छा गुजर जाए।

4)हल्का योग/चलना:

वॉकिंग करने से आपको अंदुरनी ताकत मिलेगी फ्रेश एयर लेने से आपको ताजगी महसूस होगी। शिशु के जन्म लेने के कुछ दिनों बाद आप माइल्ड योगा और एक्सरसाइज शुरू कर सकती है। जिससे आपको बेहतर महसूस होगा आपका मन प्रसन्न रहेगा। आपमे पॉजिटिव वाइब्स बढ़ेगी। बच्चा होने के बाद जो इमोशनल बदलाव होते हैं उन्हे बैलेंस रखने में आपको मदद मिलेगी।

5) अभ्यंग (मालिश):

आयुर्वेद में तेल या घी से मलिश करने के लिए कहा गया है जिससे आपको ताकत मिलेगी। बला ऑयल से संपूर्ण शरीर को मसाज देने से मसल्स को ताकत मिलेगी। मलिश से आपका पचन ठीक होगा और रक्तवाहन प्रक्रिया ठीक होगी। मलिश करने से आपका नर्वस सिस्टम और एंडोक्राइन सिस्टम शांत होता है जिसे आपका शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

6) योनिधुपन (fumigation of vagina):

योनिधुपन के लिए कुष्ठ , गुग्गुल, अगरु का इस्तमाल किया जाता है। इनमे जीवाणुरोधी (antibacterial) गुण होती है। योनिधुपन से योनि को पूरी तरह कवर किया जाता है। पुरी तरह कवर करने से वात का प्रवेश नहीं हो पता जिससे योनि संक्रमण से बचा जा सकता है।

7) हास्य वृत्ति बढ़ाये :

कोशिश करें कि आप खुशनुमा महोल में रहे. आप जैसा महसूस करेंगे वैसा ही आपका मन रहेगा जिससे आपके ब्रेस्ट मिल्क पर असर पड़ेगा। इसीलिये ज्यादा से ज्यादा खुश और पॉजिटिव रहने का प्रयास करें।

डिलिवरी के बाद एक मां के लिए खुद को समय देना, खुद को देखना करना बेहद चुनौतिपूर्ण होता है। लेकिन उन्हें घरवालों की और से और अपने लाइफ पार्टनर से अच्छी मदद मिले तो एक मां ये चुनौति अच्छे से जीत सकती है। डिलीवरी के बाद हर महिला एक हार्मोनल बदला से जुझती है और इमोशनल बदलाव भी होते रहते हैं ऐसे समय में घरवालों का सपोर्ट और लाइफ पार्टनर का सपोर्ट बेहद महात्वपूर्ण होता है। इस ब्लॉग में दिए गए टिप्स आपको मदद करेंगे.

 

 

 

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