दालचीनी के रस,गुण और उपयोग ,सेवन विधि, सम्पूर्ण जानकारी? (Everything You Need to Know About Cinnamon)

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औषधि और गरम मसाला के रूप में उपयोग की जानेवाली दालचीनी, दअरसल Cinnamon Zeylanicum नाम के पेड की छाल का नाम है. जिसे इंग्लिश में कैशिया बार्क पेड़ कहा जाता है.

गरम मसाले के रूप में दालचीनी का उपयोग भारत में हजारों वर्षों से हो रहा है।इतिहास के अध्ययन से भी ग्यात होता है भारत से इस्का निर्यात अरब, मिस्त्र, ग्रीस, इटली और यूरोप के सभी देशो में होता था।

आयुर्वेद में दालचीनी को बहुत ही फायदेमंद औषधि के रूप में बताया गया है.आयुर्वेद के अनुसर, दालचीनी के इस्तमाल से कई रोगो का इलाज किया जा सकता है.

दालचीनी के रस, गुण, वीर्य, गुणधर्म।

रस-  कटु, तिकत, मधुर

वीर्य –  उष्ण

गुण – लघु, रूक्ष , तीक्ष्ण

गुणधर्म – कफवात शामक, दीपन , पाचन , वातनुलोमक, जन्तुघ्न, अरुचिनाशक।

दालचीनी के उपयोग (Health Benifits of Cinnamon)

आचार्य पतंजलि के अनुसार दालचीनी का उपयोग प पाचन संबंध विकारो में, दांत और सिरदर्द, त्वचा रोग तथा मासिक धर्म संबंध परेशानिया ठीक करने के लिए किया जा सकता है। आइये जानते हैं दालचीनी के विभिन्न उपयोग।

1. सर्दी, खाँसी , अस्थमा में (Cough, Cold and Asthma)

श्लेष्महर, कफ निस्सरक होने के करण दालचीनी खांसी और सर्दी, में बहुत फ़ायदेमंद है, दालचीनी कफ को पतला करके शरीर से बाहर निकलती है। इसिलिये इसका प्रयोग सर्दी खासी को कम करता है।

2.ह्रदय को स्वस्थ रखने में करता है मदद.(Keeps Heart Healthy)

हृदयोतेज्जक , ओजवर्धक होने के कारण  हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। दालचीनी के मधुर और तिक्त रस के कारण रस, रक्त धातु को बढ़ाता है। रक्तशुद्धि करने के लिए भी दालचीनी मदद करता है।

3. गर्भाशय  संबंध विकारो में उपयुक्त,  वन्ध्यत्व मे उपयुक्त (Useful for Uterine Disorder, Infertility)

दालचीनी गर्भाशय संकोचक है. अगर किसी को पीरियड्स से संबंधित समस्या है तो दालचीनी का उपयोग आप कर सकते हैं, जिनको मासिक फ्लो थिक से नहीं होता उनके लिए दालचीनी चूर्ण + अशोक चूर्ण लेने से अत्यंत लाभदायक होगा जिसका मासिक प्रवाह ठीक होगा. दालचीनी को वाजीकरण बताया गया है अगर किसी को वन्ध्यात्व की समस्या है तो उन्हें दालचीनी का सेवन जरूर करना चाहिए। जिन्हे शुक्र (शुक्राणु कम है) उन्हें दालचीनी चूर्ण का प्रयोग किया जा सकता है। दालचीनी शुक्रवर्धक है .

4.दालचीनी को सूजन और जलन काम करती है. ( Reduce Swelling and Inflammation)

दालचीनी वेदनास्थापक होने के कारण इसका उपयोग जहपर सूजन और दर्द है वहाँ इसका लेप लगया जा सकता है.

5.वज़न को काम करने में मदद करती है, वृद्धत्व को डर करती है.( Useful For Weight Loss and Anti-aging)

दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जिसका कारण दालचीनी एंटी-एजिंग काम करती है. दालचीनी वजन घटाने मे भी बहुत फ़ायदेमंद है. अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो दालचीनी का चूर्ण पानी में लेकर उसका सेवन करें।

दालचीनी का सेवन कैसे करें? (How to Use Cinnamon) 

दालचीनी का प्रयोग बहुत सारी समस्याओं में उपयोगी है। अगर आपको मोशन सिकनेस यानी यात्रा के दौरान उल्टी, चक्कर आना ये सब समस्या है तो आप दालचीनी का टुकड़ा मुख मे रख सकता है.

दालचीनी का टुकड़ा पानी में डालकर वो पानी पिना आपका वजन कम करने में मदद करेगा.

दालचीनी मुखशोधक और मुखदुर्गंधिहर है इसका टुकड़ा मुख में रखने से मुख की दुर्गन्ध दूर होती है।

दालचीनी दीपन पाचक होने के कारण भूख की समस्या होनेवालो के लिए ये फ़ायदेमंद है , अगर भूख नहीं लगती हो तो खाने से 1/2 घंटा पहले दालचीनी का चूर्ण सेवन करें।

दालचीनी की मात्रा (Dose of Cinnamon):

दालचीनी चूर्ण: 500 मिलीग्राम – 1 ग्राम

दालचीनी का तेल : 2 से 5 बूँदें

दालचीनी कौन नहीं सेवन कर सकता??( Whom should Avoid  Cinnamon)

1.जिन्हे पित्त की बहुत ज्यादा समस्या है उन्हें दालचीनी का सेवन सावधान से करना चाहिए, अथवा आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेकर ही इसका सेवन आप करें .

2.गर्भवति स्त्री को दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए इस गर्भ को नुक्सान हो सकता है, डॉक्टर के सलाह के बिना  आप इस्से ना प्रयोग करे.

उम्मीद है ऊपर दी गई जानकारी आपके लिए हेल्पफुल होगी।

 

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