मिलेटस क्या हैं, कितने प्रकार हैं ,फायदे और मिलेटस का सेवन कैसे करें??

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मिलेटस : 

मोटे अनाज को मिलेट कहते हैं. मिलेटस स्टार्चयुक्त अनाज है वो कार्ब्स से भरपूर होते है। मिलेटस  का उपयोग वर्ष 1960 तक भारतीयों के प्रमुख आहार के रूप किया जाता था। लेकिन उसके बाद गेहू का सेवन ज्यादा होने लगा जिसका कारण मिलेटस का उत्पादन कम हो गया. इन 2-3 वर्षो में मिलेटस कि पोशक तत्वो को जानकर उन्हें डाइट में शामिल किया जा रहा है. मिलेटस एक पोषक अनाज है ये पोएसी (Poaceae) परिवार के मोटे अनाज वाली घास की कई प्रजातिओ मे से एक है. ये अत्याधिक पौष्टिक होते हैं और पचाने में आसान होते हैं.मिलेटस ग्लूटेन मुक्त होने के कारण जिन्हे ग्लूटेन सेंसिटिविटी है उनके लिए बहुत फ़ायदेमंद है।आइए जानते हैं  1 कप पके हुए मिलेटस का पोषण मूल्य क्या है?

1 कप पके हुए मिलेटस में :

कैलोरी :207

कार्बोहाइड्रेट:41 ग्राम

फाइबर :2.2 ग्राम

कैल्शियम:5.22 ग्राम

आयरन : 1.1 ग्राम

Vit. A (IU): 5.2 

Carotene, Beta(mcg): 3.48 

Folate : 33.06

Cholesterol: 0

Sodium: 3.48

Zinc: 1.58

मिलेटस कितने प्रकार के होते हैं?  

मिलेटस के करीब 20 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार है .भारत में निर्मित किये जाने वाले कुछ प्रकार निम्लिखित है.

1.ज्वार (Sorghum Millet): ज्वार एक ऐसा अनाज है जो पचाने में बहुत हल्का होता है। ज्वार में प्रोटीन, फाइबर, थायमिन, राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड और कैरोटीन भरपुर मात्रा में उपलब्ध होता है. ज्वार में पोटैशियम, फास्फोरस और कैल्शियम होता है। इनमे पूरक मात्रा में आयरन, जिंक और सोडियम भी पाया जाता है .

2.रागी (Finger millet): रागी में सबसे अधिक खनिज तत्व पाए जाते हैं। रागी एक ऐसा अनाज है जिसमें बहुत ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है।(300-350 मिलीग्राम/100 ग्राम) रागी में माल्टिंग गुण होता है। रागी की पहचान weaning food के तौर पर भी होती है।

3.चेना ( Proso Millet): Proso Millet चेना में सबसे अधिक यानि (12.5%) प्रोटीन मिलता है।छेना अन्य मसालों और मेवों की तुलना में मैंगनीज का सस्ता स्रोत है।चेना कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिसके कारण ये हृदय रोग का जोखिम कम करता है।

4.बाजरा (Pearl millet) : बाजरे में प्रोटीन का उच्च अनुपात (12-16%) और लिपिड (4-6%)पाये जाते हैं।बाजरे में 11.5% आहार फाइबर होता है इसलिए ये  आंत्र रोग सुजन( Inflammatory bowel disease)का जोखिम कम करता है।बाकि अनाज के मुकाबले बाजरे में नियासिन (Niacin)भरपुर मात्रा में होता है।बाकी मिलेट की तुलना में बाजरा हाई एनर्जी मिलेट है. इस में  फोलिकेट, मैग्नीशियम आयरन, तांबा, जिंक और विटामिन  ई और बी कॉम्प्लेक्स भी पया जाता है. बाजरा कैल्शियम और असंतृप्त वसा से भरपूर होता है जो हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा है।

5.कुटकी(Little millet) : कुटकी छोटे मिलेट मैं शामिल हूं. कुटाकी में उच्च एंटीऑक्सीडेंट है। इसमें लौह तत्व भी प्रचुर मात्रा में होता है।

6.राजगिरा(Amaranth Millet) : राजगिरा आहारीय फाइबर (Dietary fiber) भरपुर  मात्रा में होते है.राजगिरा में आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम होता है। राजगिरा तेल में लगभाग 77% Unsaturated fatty acids होते हैं और लिनोलिन एसिड से भरपूर होते हैं।

7.सावा( Barnyard Millet): सावा मिलेट में GABA( Gamma amino butyric acid ) beta Glucan होता है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में उपयोग किया जाता है और ब्लड लिपिड को काम करने में हेल्पफुल होता है.

8.कोदो (Kodo millet): कोदो मिलेट जो है वो बी  विटामिन मैं भरपुर होता है विशेषकर नियासिन, Pyridoxine. कोदो एक ऐसा मिलेट है जिसके भरपुर मात्रा में लेसिथिन होता है जो Nervous system को Strengthen करने के लिए महत्वपूर्ण होता है.

9.कांगनी, काकुम(Foxtail Millet): ये carbohydrate rich मिलेट है . इसमें तांबा और लोहा जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं।ककुम में चावल की तुलना दोगुना प्रोटीन है .

मिलेटस के फ़ायदे: 

मिलेटस में भरपुर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी, फास्फोरस, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट , नियासिन, कैल्शियम और आयरन मौजुद होता है.आइये जानते हैं मिलेटस के फ़ायदे:

1.ब्लड शुगर को नियन्त्रित करे:

मिलेटस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिसके कारण ये अनाज खाने के बाद बढ़ोतरी करनेवाली चीनी को  बढ़ने से रोकते हैं . इसी कारण मधुमेह रोगियों के लिए बेहद अच्छा विकल्प है . इस अनाज का सेवन डायबिटिक और जिन्हे स्वस्थ आहार चाहिए उनके लिए बहुत अच्छा है.

2.ह्रदय के लिये अच्छा  :

मिलेटस में घुलनशील फाइबर(Soluble fiber) मौजुद होते हैं जो रक्त में मौजुद  खराब कोलेस्ट्रॉल का कम करने में मदद करता है . खराब कोलेस्ट्रॉल एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) का प्रमुख कारण होता है. घुलनशील फाइबर (soluble fiber)जेल (gel) में परिवर्तन हो जाते हैं और कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित (Absorb)कर लेते हैं और सिस्टम के बाहर करने में मदद करते हैं. कोलेस्ट्रॉल  हृदय रोग के लिए बहुत बड़ा रिस्क फैक्टर होता है इसलिए मिलेटस का सेवन ह्रदय रोग होने से बचाता है.

3 पचनशक्ति को मज़बूत करता है:

मिलेटस में भरपुर मात्रा में आहारीय फाइबर (Dietary fibre) होते हैं और ये आहारीय फाइबर (Dietary fibre)पाचन तंत्र(Digestive system) के कार्यप्रणाली को मजबुत करने में मदद करते हैं.

4.वजन को काम करने में अत्यंत लाभदायक:

मिलेटस का सेवन मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है. मिलेटस BMI को कम करने में मदद करते हैं इसिलिये ज्यादा वजन वाले व्यक्ति या मोटापे से परेशान व्यक्तियो के लिये अत्यन्त लाभदायक होते हैं .

5.डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करते हैं :

मिलेटस में करक्यूमिन(Curcumin), एललगिक एसिड (Ellagic acid), और कैटेचिन्स (Catechins) होते हैं.जो शरीर से foreign agents और फ्री रेडिकल्स को बाहर करने में मदद करते हैं , इसके कारण शरीर के एंजाइमैटिक प्रतिक्रियाएं(Enzymatic reactions) संतुलन होती है जिससे स्वाभाविक रूप से रक्त (blood) डिटॉक्सिफाई हो जाता है.

मिलेटस का सेवन कैसे करें?

मिलेटस पौष्टिक अनाज है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनो में किया जा सकता है. नाश्ते से लेकर रात के खाने तक मिलेटस को आहार में शामिल करने के लिए स्वादिष्ट तारिके है. दैनिक सेवन में एक ही प्रकार का अनाज सेवन करने के बजाय अलग अलग दिन अलग-अलग प्रकार का अनाज का उपयोग करना बेहतर रहेगा।आइये जानते हैं कुछ व्यंजन जो मिलेटस से बने हो.

1.ज्वार की रोटी

2.ज्वार की खिचड़ी

3.रागी कुकीज़

4.रागी के लड्डू

5.कोदो पुलाव

6.ज्वार सेवई उपमा

7.बाजरा पकौड़ा.

8. रागी खीर

9. ज्वार का डोसा

मिलेटस पोषक तत्वो से भरपुर अनाज है जो सभी आहे समूहों के लिए फ़ायदेशिर होते हैं. जिन्हे ग्लूटेन सेंसिटिविटी है उनके लिए ये बहुत अच्छा विकल्प है।मिलेटस का सेवन सही तरीके से किया जाए तो ये मानव शरीर के कई सारे रोगो के लिए फ़ायदेमंद है। हमारे देश में मिलेटस का सेवन बहुत सालो से हो रहा है, इसीलिये हमें इसका सेवन रोजाना के आहार में जरूर से शुरू करना चाहिए.

 

 

 

 

 

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