आयुर्वेद मे वर्णन किया गया गण्डुष विधि क्या है, फ़ायदे क्या है सम्पूर्ण जानकारी (What is Oil pulling Described in Ayurveda Hindi)  

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Written by Dr. Priyanka Borde.

गण्डुष (Oil Pulling Therapy)

आयुर्वेद मे अष्टांग हृदय के सुत्रस्थान के बावीसवे अध्याय मे गण्डुष का वर्णन दिया गया है | उर्ध्वजत्रुगत रोगों मे गण्डुष का प्रयोग किया जाता है | गण्डुष का अर्थ जो भी औषधी द्रव्य मुख (Mouth)  मे ग्रहण किया है वो पूर्ण मुख भरकर लिया है | कवल जो होता है उसमे औषधी द्रव्यो का सेवन गण्डुष से थोडा कम प्रमाणे मे मुख मे धारण किया जाता है जिससे मुख मे थोडी जगह रहती है |गंडूश में औषधि द्रव्य से पूरा मुख भर लिया जाता है की वह मुख के भीतर हिलाय नहीं जा सकता, इसे गंडुष कहेंगे वही ‘कवल’ उसे कहते हैं जो द्रव्य मुख में इधर उधर हिलाया जा सके।

गण्डुष के प्रकार (Types of Oil Pulling)

आचार्य वाग्भट ने गण्डुष के 4 प्रकार बताये है |

स्निग्ध गण्डुष :

जो मुख के भीतारी अवयवो को चिकना / स्निग्ध कर देता है | स्निग्ध गण्डुष का उपयोग वातदोष से पीडीत रुग्णों मे किया जाता है | स्निग्ध गण्डुष को मधुररस और अम्लरस प्रधान द्रव्यों से पकाये गये तेल, घृत, वसा आदि स्नेहो से तयार करते है | तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है |

शमन गण्डुष :

शमन गण्डुष का उपयोग पित्तदोष प्रधान रोगो मे किया जाता है | शमन गण्डुष तिक्त, कषाय, मधुररस प्रधान औषध द्रव्यो के क्वायो से तैयार करके उपयोग किया जाता है | नारीयल तैल, गाय का घी मुह के छालो मे शमन गण्डुष का उपयोग करते है |

शोधन गण्डुष :

शोधन गण्डुष का उपयोग कफदोष प्रधान रोगो मे किया जाता है | शोधन गण्डुष का निर्माण तिक्त (नीत, कडवे द्रव्य), कटू (सोठं, मिरची, पिप्पली आदि द्रव्य) आम्ल और लवण द्रव्यो के संयोग से बनाया जाता है |

गले मे कफ जमा होना है, खाने का मन नही है, जिव्हा पर Coating  जमा होना ऐसे मे शोधन गण्डुष का प्रयोग कर सकते है | सरसो का तेल शोधन गण्डुष मे प्रयोग मे लाया जाता है |

रोपण गण्डुष :

रोपण गण्डुष मुख के अंदर उत्पन्न जखमो तथा छालों को भर देने के लिए उपयोग किया जाता है | रोपण गण्डुष मसूडे, जीभ और तालुप्रदेश मे उत्पन्न व्रणो को भरने के लिए होता है | शहद का प्रयोग इसके लिए बेस्ट है | इसका निर्माण कसै ले तथा तिक्तरस प्रधान द्रव्यो के संयोग से किया जाता है |

गण्डुष कब कर सकते है |

सुबह उठने के बाद शौचविधि तथा दंतधावन होने के बाद गण्डुष कर सकते है | गण्डुष करने से आपके मुख में  तेल की परत रहेगी जिससे दिनभर धूल मिट्टी और Infection से आपका बचाव होगा |

गण्डुष विधी :

गण्डुष आपको ऐसे स्थान पर करना है जिस  स्थान पर बहोत तेज हवा ना हो, जहा पर थोडा Sunlight  आ रहा हो | वहा पर गण्डुष का प्रयोग करे | जो भी तेल से आप गण्डुष करने वाले हो उसको पुरी क्षमता तक मुख में भर दे और मुख मे ग्रहण करे | औषधी द्रव्य को मुख मे पकडकर रखना है उसको तब तक मुख मे रखे जब तक आँख से पानी ना आये | हालांकि हर व्यक्ति के लिए ये समय कम या ज्यादा हो सकता है | सामान्यता ये समय 5 मिनट से लेकर 15 मिनट तक रहता है। जब आपको लगे की आप तेल को और देर तक Hold नही करके रख सकते तब उसको बाहर निकाल दे | ध्यान रहे की उसको आपको निगलना नही है |

गण्डुष के लिए निचे दिए गए तेल मे से आप रिफाईंड तेल (Refined Oil) के बजाय कच्ची घानी के तेल का सेवन करे  |

कौनसा तेल इस्तेमाल कर ? (Which oil is used for oil pulling?)

नारीयल का तेल (Coconut Oil)  :

नारीयल ते गण्डुष के लिए बेहतरीन तेल है  | नारीयल तेल मे Anti-inflammatory, Awe-bacterial और anti-bacterial गुण होते है  | नारीयल तेल से गण्डुष करने से मुंह से कई प्रकार के Bacteria  बाहर निकालने मे मद्द करते है  |

तिल का तेल(Sesame oil) :

तिल का तेल पोषण, Cleanse और Detoxification करने मे मदद करता है  | तिल का तेल मसुडो को मजबुत करता है  |

शहद(Honey) :

शहद का इस्तेमाल आप मुंह मे छाले हो तो कर सकते है इससे आपको राहत भी मिलेगी और Bacteria  बाहर निकलेंगे  |

गुनगुना पानी (Warm Water) :

अगर आपको तेल से कोई ॲर्लजी (Allergy) है तो आप गुनगुने पाणी का इस्तेमाल भी कर सकते है  |  Warm Water से गण्डुष करने से आपकी मुंख की दुर्गंध दूर होगी और आपके दातो से मैल दूर होगा  |

दूध(Milk) :

मुखपाक, क्षार अथवा आग से मुख मे जलन होने पर मिर्ची से उत्पन्न जलन के लिए शीतल दूध का गण्डुष करना चाहिए  |

गण्डुष के फायदे (Oil pulling benefits) :

आचारर्स वाग्भट ने गण्डुष के कई सारे फायदे बताये है  | आज Modern Science  भी इसको मानता है की oil pulling से मुंह के बहोत सारे रोगो से बचा सकता है  |

  1. गण्डुष ओरल हाइजीन मैंटेन रखेगा |
  2. दाँतो एवं मसूडो की सूजन कम करता है |
  3. दाँतो का पीलापन दूर करता है |
  4. मुह के छालो की समस्या दूर होती है |
  5. पाचन मे सुधार करता है |
  6. मॅुंह की दुर्गंधी दूर करता है |
  7. जमे हुए कफ को बाहर निकालता है |
  8. त्वचा पर नॅचरल ग्लो लाने के लिए |

(और पढे – Natural glow on skin tips link)

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