चेतना क्या है, चेतना के स्तर कितने होते है सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में?(What is Consciousness, Maps of Consciousness?)

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चेतना क्या है?(What is Consciousness?): 

हम जो कुछ भी है उसका स्त्रोत चेतना  है, हमारे विचार, इरादे और सभी काम उसी के परिणाम है .आपकी चेतना की प्रकृति, आपके जीवन के हर क्षण, आपके शरीर के हर कोषिका(cells) में जाहिर होती है. चेतनता अध्यात्म का केंद्रबिंदु है.साधरण बोल चाल की भाषा मैं देखा जाए तो चेतना का अर्थ है जागृत अवस्था।

आत्मज्ञानी पुरुषो के अनुसर चेतना का अर्थ शब्दो द्वारा परिभाषित नहि किया जा सकटा. चेतना का क्षेत्र असीमित और अनंत है.चेतना की केवल अनुभूति की जा सकती है। ये अनुभूति दीर्घ काल तक निरंतर अभ्यास करने के बाद प्राप्त होती है.

चेतना के तीन लेवल माने गए हैं.

1.चेतन 2.अवचेतन 3. अचेतन

चेतना जिस ऊर्जा क्षेत्र में होती है इंसान उसी लेवल पर सोच पाता है.मनुष्य उसी ऊर्जा स्तर से दुनिया देखता है और अनुभव करता है। आइये ऊर्जा स्तर को विस्तार में जानते हैं।

1.ऊर्जा स्तर 0(Energy level 0):ऊर्जा स्तर 0 पर मृत्यु है.

2.ऊर्जा स्तर 20 शर्म(Energy level 20 ):

चेतना ऊर्जा स्तर 20 पर शर्म जो लोग शर्म के ऊर्जा क्षेत्र में ज्यादा देर रहते हैं वो आत्मघाती हो जाते हैं। इस ऊर्जा क्षेत्र में बार-बार आने वाले लोग अपने अंदर के हर अच्छी चीज़ को मार देते हैं।जिन बच्चों को बचपन में शर्म बार बार महसुस कराई जाति है और दूसरे लोग के प्रति , जानवरो के प्रति निर्दयी हो जाते हैं। इसिलिये किसी को भी शर्म महसुस करवाना मृत्यु के समान ही है.

3.ऊर्जा क्षेत्र 30 अपराध (Energy field 30 Guilt):

जो लोग अवचेतन रूप से अपराध बोध रखते हैं वो दूसरे को सजा देने की कोशिश करते हैं वो हमेशा बदला लेना चाहते हैं।

4.ऊर्जा क्षेत्र 50 उदासीनता(Energy field 50 Apathy):

एनर्जी लेवल 50 पीआर मनुष्य दूसरो को नुक्सान नहीं पूछना चाहता है लेकिन खुद निश्क्रिय हो जाता है दिन भर लेटा रहना चाहता है, कुछ करने का मन नहीं करता है, ये सारी चीजें महसुस करता है। इस स्तर की ऊर्जा क्षेत्र पीआर मनुष्य का आत्मविश्वास टूट चूका होता है. ज्यदातर भिखारी, बेघर, चोर आदी लॉग इस लेवल पीआर जीते हैं।इस लेवल पीआर मनुष्य बड़ी दयनीय अवस्था में होता है वो खुद को ऊपर उठाने की हिम्मत खो चुका होता है।

5.ऊर्जा क्षेत्र 75 दु:ख(Energy field 75 Grief):

एनर्जी लेवल 75 में भारी दुख महसुस होता है, बहुत बड़ा नुक्सान या कोई अपना खोने पर (death of near ones)मनुष्य इस ऊर्जा क्षेत्र में चला जाता है, इस जोन में केवल दुख ही दुख दिखता है।लेकिन जो लोग इस एनर्जी लेवल में ज्यादा देर तक रहते हैं वो डिप्रेशन में चले जाते हैं.

6.ऊर्जा स्तर 100 भय (Energy field 100 Fear): 

इस स्तर पर थोड़ी जीवन ऊर्जा है उपलब्ध होती है डर के कारण लोग बहुत कुछ करते हैं, लेकिन यह अवस्था में केवल खतरा और परेशानी दिखती है जिस कारण इंसान हमेंशा चिंता में रहता है.

7. ऊर्जा स्तर 125 इच्छा  (Energy field 125) : 

इस स्तर पर ऊर्जा ऊपर उठती है जो लोग डर से ऊपर उठते हैं उन्हें कुछ पाने की इच्छा होती है उनके लिए पैसा , प्रसिद्धि आदि जीवन का मकसद बनता है जो उनका जीवन बेहतर करता है।लेकिन चाहत की लत भी बन सकती है व्यक्ती भौतिक इच्छा के लिए कुछ भी कर जाते हैं लेकिन मन नहि भारत, सन्तुष्टि नहीं मिलती क्योंकि हकीकत तो यही है चाहत में कभी मन नहीं भरता .

8.ऊर्जा स्तर 150 क्रोध (Anger) : 

ये ऊर्जा स्तर अस्थिर क्षेत्र है , और यहाँ से विनाशकारी कार्य(Destructive actions)निर्माण होता है. इस एनर्जी जोन में इंसान बार-बार आने की संभावना होती है क्यू की इस एनर्जी लेवल में बुद्धि साथ नहीं देती। जो लोग गुस्से को सकारात्मक कार्यों में बदलते हैं वो बदलाव लाते हैं अपने जीवन में और दूसरे के जीवन में भी.

9.ऊर्जा स्तर 175 अभिमान ( Energy field 175 Pride) : 

इस ऊर्जा स्तर में बहुत शक्ति होती है। यहाँ पर गुस्से, डर, शर्म से आज़ादी मिलती है।अभिमान एक बाहरी पहचान है, अभिमान में मनुष्य है खुद पर टीका होता है, अभिमान में इंसान अपने आप के सही और बड़ा समझता है।

10.ऊर्जा स्तर 200 साहस ( Energy field 200 courage): 

इस ऊर्जा स्तर पर मनुष्य के जीवन में बड़ा परिवर्तन आता है , इस लेवल पर इंसान धीरे-धीरे ऊपर उठना शुरू करता है। यहाँ पर चेतना साहस का रूप लेती है. इस स्तर पर मनुष्य खुद की गलतियों को देखने का उन गलतियों को बेहतर करने का साहस रखता है. डर, शिक़ायत , अहंकार काम होने के कारण इंसान बहुत प्रोडक्टिव हो जाता है। ये लेवल सामर्थ्‍य का है इसमें इंसान संकल्प और दृढ़ निश्चय पर टीका रहता है. धैर्य का विकास इस लेवल पर होता है, यहां इंसान बहुत कुछ करना चाहता है, दुनिया को कुछ देने का प्रयास करना चाहता है।

11.ऊर्जा स्तर 250 तटस्थता ( Energy field 250 Neutrality) : 

इस एनर्जी लेवल पर इंसान के नजरिए में बड़ा बदलाव आता है इस लेवल से पहले इंसान को केवल सफलता या असफलता , अच्छा या बुरा दिखता है। लेकिन इस स्तर पर मनुष्य समत्व यानि आंतरिक शांति अनुभव करना शुरू कर देता है। इस स्थिति में इंसान दूसरे के ऊर्जा क्षेत्र भी समझने लगता है.

12.ऊर्जा स्तर इच्छाशक्ति 300 ( Energy field 300 Willingness): 

चेतना के इस स्तर पर है मनुष्य सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। इस स्तर पर मनुष्य को हर जगह अच्छी और अवसर दिखने लगते हैं. ऐसा इंसान मुश्किलों से परेशान नहीं होता, बाल्की बिगाडे कम भी बनने लगता है। अधिकांश उद्यमी यह  एनर्जी लेवल पर होता है. अगर इस एनर्जी लेवल पर मनुष्य टीका रहे तो प्रमोशन और ग्रोथ जल्दी होती है।

13.ऊर्जा स्तर 350 स्वीकृति  (Energy field 350 Acceptance) : 

इस ऊर्जा स्तर पर मनुष्य की बुद्धि के कंपन में बड़ा बदलाव आता है, मनुष्य को यकीन हो जाता है कि सब कुछ उसकी सोच विचारो से प्रकट हो रहा है। और उसका जीवन, जीवन के अनुभव ये सब कुछ अवचेतन मन है का ही रूप है. स्वीकृति की ऊर्जा स्तर पर इंसान Pride जितना ही सक्रिय होता है .लेकिन इस स्तर पर मनुष्य जानता है की सफ़लता पाई नई जाती बाल्की अंदर से निर्माण होती है।

14.ऊर्जा स्तर 400 कारण ( Energy field 400 Reason) : 

चेतना के इस स्तर पर है बुद्धि और कारण की शक्ति भावनाओं से ताक़तवर हो जाती है। कुछ लोग, लगभग  0.4% तक ही ईस ऊर्जा स्तर को पार कर पाते हैं .

15.ऊर्जा स्तर 500 प्रेम ( Energy field 500 Love) : 

इस एनर्जी लेवल पर प्रेम के लिए 2 लोगो की ज़रूरत नहीं है, और ना ही ये सेल्फ इमेज वाला प्रेम है. ये एक तीव्र भावना है, ये मनुष्य के साथ सोते जागते बनी रहती है . भक्ति और सेवाभाव यह ऊर्जा क्षेत्र का रूप है। मनुष्य इस स्तर पर सदा आनंद की स्थिति में रहता है।

16.आनंद ऊर्जा स्तर 540 ( Energy field 540 Joy): 

प्रेम की चेतना को पार करके आनंद का ऊर्जा स्तर आता है।जब प्रेम पूरी तरह से बिना शर्त हो जाता है तब आनंद का स्तर आता है. ये अचानक से नहीं आता बल्की धीरे-धीरे बढ़ता है।इस स्तर पर रहने वाले मनुष्य प्राकृतिक चिकित्सक होते हैं। इनके पास आसिमित धैर्य और प्रेम होता है. इस लेवल पर इंडिविजुअल विल पूरी तरह यूनिवर्सल विल में मिल जाती है। यानी इंसान की खुद की कोई इच्छा नहीं रहती, इसिलिये अभिव्यक्ति अपने आप होती है।

17.ऊर्जा स्तर 600 शांति ( Energy field 600 Peace) : 

इस एनर्जी लेवल पर मैं और तुम का अंतर समाप्त हो जाता है . यानी देखने वाला और दृश्य एक हो जाता है। इस  स्थिति में मनुष्य जान जाता है कि सब कुछ चेतना है।

18.ऊर्जा स्तर 700 – 1000 आत्मज्ञान ( Energy field 700- 1000 Enlightenment) : 

इस स्तर पर परमशांति से थोड़ा अंतर होता है, चेतना के इस स्तर पर कई लोग प्रभावित होते हैं, प्रबुद्ध व्यक्तित्व की वाणी में बहुत शक्ति होती है,समाज में परिवर्तन लाने के लिए प्रबुद्ध व्यक्तित्व की महत्तवपूर्ण भूमिका होती है, इस ऊर्जा क्षेत्र का प्रभाव समय (Time)और स्थान (Space)को पार करते हुए संपूर्ण ब्रह्माण्ड में होता है।

निष्कर्ष ( Conclusion) :

मनुष्य अपने जीवन काल में 3-4 ऊर्जा स्तर पर रहता है, चेतना के अलग-अलग ऊर्जा क्षेत्र का प्रभाव उसके ऊपर होता है। चेतना एक है, चेतना कोई भौतिक नहीं है. चेतना को कोई भी लेवल अच्छा या बुरा नहीं है ये केवल एक मार्किंग है।चेतना के मानचित्र केवल एक उपकरण है कि आप अधिकान्श किस ऊर्जा क्षेत्र में हो, जीवन में परिवर्तन लाने के लिए ये बेहद जरूरी है कि हम अपनी चेतना को जागृत करने का प्रयास करें।

 

 

 

 

 

 

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