विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार डायबिटीज़ दुनिया के सबसे आम समस्या में से एक है। मधुमेह को अपनी जीवन शैली में थोडे बदलाव के साथ काबू में किया जा सकता है। आयुर्वेद में डायबिटीज को मधुमेह कहा जाता है। मधुमेह एक चयापचय संबंधित बिमारियो का समूह है जिसमे लम्बे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर हाई होता है।
मधुमेह के प्रकार:
आयुर्वेद में मधुमेह के बीस प्रकार बता गए हैं। वात के 4 प्रकार , पित्त के 6 प्रकार और कफ के 10 प्रकार के प्रमेह ( diabetes) हो सकते हैं। मधुमेह प्रमेह का उपप्रकर है। मधुमेह वातज प्रमेह की श्रेणी में आता है। अर्थत ये समस्या वात में उपवृद्धि के कारण उत्पन्न होती है। आयुर्वेद में वात वायु और सुखेपन का प्रतीक है। इस बीमारी में शरीर में धातु सबसे अधिक क्षय होते हैं। इसीलिये मधुमेह का सारे महत्वपूर्ण अंगो पर असर होता है। मधुमेह के और दो प्रकार होते हैं टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह ।
टाइप 1 मधुमेह : टाइप 1 मधुमेह में हमारा शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। ये एक ऑटोइम्यून डिजीज है। शरीर की कोषिकाओ इंसुलिन बनाने वाले अग्निशाय की कोषिकाओ पा पर हमला कर उन्हें खत्म कर देती है। ऐसा अनुवंशिक वजाहो से हो सकता है। टाइप 1 मधुमेह बहुत काम उम्र में या कभी कभी जन्म से हो जाता है।
टाइप 2 मधुमेह: टाइप 2 मधुमेह के लिए का कारण जिम्मेदार है। इस में मोटापा, उच्च रक्तचाप, निंद की कमी और खराब जीवनशैली शमिल है। इस प्रकार के मधुमेह में इंसुलिन के प्रवाह में रुकावत आती है।
मधुमेह लक्षण :
- कमजोरी महसूस होना
- लगतार पेशाब आना
- आंखें कमजोर होना
- अचानक वजन कम होना।
- घाव का जल्दी न भरना।
- अत्याधिक प्यास लगान।
- हाथो और जोड़ी का सुन्ना हो जाना।
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए सलाह ।
आयुर्वेद में ऐसा कोई भी दावा नहीं किया गया है कि डायबिटीज पूरी तरह खत्म हो जाएगा सकता है। हा लेकिन मधुमेह को नियंत्रित करें अवश्य किया जा सकता है नियमित व्यायाम, अच्ची जीवन शैली , उचित आहार, खान पान में बदलाव इसे डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। डायबिटीज को कंट्रोल करके आप ये कह सकते हैं कि आप मधुमेह मुक्त है।
- मधुमेह में हल्का, आसनी से पचने वाला भोजन सेवन करे।
- अपनी डाइट में गुनगुन पानी, छाछ, मल्टीग्रेन आटा, जौ का दलिया शमिल करे
- चीनी, कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेज्ड फूड से दूर बनाएं।
- फास्ट फूड खाना बंद कर दे।
- दिन में काम से कम 2 लीटर पानी पिया सुबह उठाते ही आधा लीटर पानी पियाएं।
- रोजना कम से कम 30 मिनट तक वॉकिंग शुरू करें।
- धीरे धीरे एक्सरसाइज की मात्रा और समय बढ़ाए।
- तनाव से बचे।